CG High Court : बसना दवा व्यापारी के खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश देने से किया इनकार, कहा- ड्रग माफिया देश को कर रहे हैं बर्बाद
एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को निरस्त करने संबंधी दायर याचिका पर किसी तरह का आदेश देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि नशीली दवा समाज को बर्बाद कर रही है।
न्यायाधीश एनके व्यास ने मेडीकल संचालक के विरूद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किये गये एफआईआर को निरस्त करने संबंधी दायर याचिका पर किसी तरह का आदेश देने से साफ मना कर दिया है। कोर्ट ने इसे मैटर ऑफ एविडेंस मानते हुए यह भी कहा कि ड्रग माफिया देश को बर्बाद कर रहे हैं। नशीली दवा समाज को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। इससे युवापीढी काफी हद तक चपेट में हैं।
छत्तीसगढ के महासमुंद पुलिस ने एक मेडीकल संचालक के खिलाफ प्रतिबिंधित इंजेक्शन व दवा भारी मात्रा में रखने तथा डॉक्टर की पर्ची के बिना दवा बेचने के मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने मामले में चालान भी पेश कर दिया है। मेडीकल संचालक ने दर्ज अपराध को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका पेश की है। कोर्ट ने इसे मैटर ऑफ एविडेंस मानते हुए किसी तरह के आदेश देने से मना कर दिया है। याचिकाकर्ता ने केस वापस ले लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि एक दुकान में 1470 नग इंजेक्शन इतने भारी मात्रा में रखना संदिग्ध लगता है। इतना तो गोदाम या फिर बड़े अस्पतालों में भी नहीं होता होगा।
ये है मामला
आपको बता दें कि चार दिसंबर 2022 को महासमुंद पुलिस ने बसना में संचालित राजेश मेडिकल स्टोर में छापा मारा था। दवा दुकान के मालिक राजेश साहू के सामने ही तलाशी ली गई तो दुकान में रखे एक कार्टुन में स्टेक्लिन इन्जेक्शन (ट्रामाडोल) 1470 नग कीमती 21315 रुपये, ट्राईकेयर इंजेक्शन (ट्रामाडोल) 100 एमजी 75 नग कीमत 1875 रुपये, ट्रामाडोल (डामाडोल) इंजेक्शन 10 एमज 59 नग कीमत 1532 रुपये, ट्रामाडोल पैरासीटामाल टेबलेट (जियोट्राम) 647 नग कीमत 5499 रुपये, अल्वारी (अल्फाजोरम) टेबलेट 250 नग कीमती 897 रुपये, डोमाडाल प्लस टेबलेट 70 नग कीमती 737 रुपये, एक नग मोबाइल कीमत 15000 रुपये तथा नगदी रकम 5000 रुपये समेत कुल 51 हजार 855 रुपये की जब्ती की गई थी।
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