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CG News : वित्तमंत्री OP चौधरी ने चलती गाडी में इन लोगों की ले ली क्लास , जमकर हो रही है तारीफ

 


Credit bhaskar

वित्तमंत्री ने चलती गाड़ी को बनाया क्लास रूम : OP चौधरी ने UPSC के अभ्यार्थियों को दी गाइडेंस; बोले- ओहदे से बढ़ जाती है जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ की साय सरकार में वित्त विभाग संभाल रहे पूर्व IAS ओपी चौधरी रविवार देर रात नई भूमिका में नजर आए। उन्होंने अपनी चलती गाड़ी को ही क्लास रूम बना लिया। इस दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की ऑनलाइन क्लास ले डाली।

दिन भर अपने मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद ओपी चौधरी देर रात समय निकालकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले युवाओं की करियर गाइडेंस दी। इसको लेकर उन्होंने वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके इस काम की जमकर तारीफ हो रही है।

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
दरअसल, दिल्ली स्थित 'संकल्प कोचिंग सेंटर' में युवाओं को न्यूनतम शुल्क पर UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। मंत्री चौधरी ने बताया कि कल रात यात्रा के दौरान समय निकालकर उन्होंने कक्षाएं ली।

अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन किया और सिविल सर्विसेज की तैयारी से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि, पिछले कुछ सालों में संकल्प देश भर में सिविल सेवा कोचिंग संस्थानों में से एक के रूप में उभरा है।

यहां प्रशासनिक अधिकारियों और प्राध्यापक प्रतिदिन नियमित रूप से इन परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। मैं उन सभी सम्माननीय जनों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जो युवाओं के स्वर्णिम भविष्य निर्माण के लिए निष्ठापूर्वक अपना योगदान दे रहे हैं।

प्रदेश के युवाओं के लिए आइडियल हैं ओपी चौधरी
छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए ओपी चौधरी शुरू से ही प्रेरणा स्रोत रहे हैं। 23 साल की उम्र में वो आईएएस अफसर बने, लंबे समय तक वो रायपुर कलेक्टर रहे। बाद में उन्हें इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

23 की उम्र में बने थे IAS
चौधरी जब 8 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। ऐसे में मां ने ही उन्हें पढ़ाया-लिखाया और वे आज इस मुकाम पर हैं। उन्होंने 12th में ही आईएएस बनने का फैसला ले लिया था।

पीईटी में सिलेक्शन होने के बावजूद उसे छोड़ दिया, क्योंकि वह खुद को कलेक्टर के तौर पर ही देखना चाहते थे। 23 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने और इतनी बड़ी सफलता के बावजूद वो हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहते हैं।

चौधरी कहते हैं, 'जैसे ही आप बड़े ओहदे पर आते हैं, आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में आपकी परवरिश और संस्कार ही आपको जमीनी हकीकत से जोड़े रखती है। आज जमीनी हकीकत के जितने नजदीक होते हैं, उतने ही उस पर खरे उतरते हैं।'

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