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Chhattisgarh High Court : याचिकाकर्ता महिला को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी देने हेतु राज्य शासन को निर्देश


News Credit By naidunia

Chhattisgarh High Court : संभागायुक्त के आदेश को हाई कोर्ट ने किया रद,याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने जारी किया आदेश

हाई कोर्ट ने संभागायुक्त के आदेश को रद करते हुए याचिकाकर्ता महिला को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी देने का निर्देश राज्य शासन को

Chhattisgarh High Court बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने संभागायुक्त के आदेश को रद करते हुए याचिकाकर्ता महिला को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी देने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि स्थानीय निवासी होने के बाद भी उसे नौकरी से वंचित कर दिया है। मामला 2017 का है। छह साल बादअब जाकर याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट ने न्याय मिला है।

मामला कवर्धा जिले की बोडला ब्लाक के बांकी गांव का है। यहां वर्ष 2017 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर भर्ती निकली थी। उक्त भर्ती के लिए गांव की ही मूल निवासी संध्या मरकाम ने आवेदन किया था। याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि विभाग ने उसकी जगह अन्य गांव की महिला को नौकरी दे दी गई। जिसके खिलाफ रोशनी मरकाम ने एडिशनल कलेक्टर के न्यायालय में आवेदन दिया। एडिशनल कलेक्टर ने उसके आवेदन को निरस्त करते हुए अन्य गांव की महिला को नौकरी दिए जाने के निर्णय को वर्ष 2018 में सही ठहराया। एडिशनल कलेक्टर के आदेश के खिलाफ संध्या मरकाम ने कमिश्नर के यहां अपील की। पर उनके अपील को खारिज करते हुए एडिशनल कलेक्टर के आदेश को सही ठहराया गया।

संध्या मरकाम ने कमिश्नर के फैसले को अपने अधिवक्ता प्रतीक शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी। पूर्व में हुई सुनवाई में संध्या मरकाम को अंतरिम राहत प्रदान की गई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आंगनबाडी कार्यकर्ता का पद ग्राम पंचायत की स्थानीय निवासी के लिए ही आरक्षित रहता है। स्थानीय निवासी नहीं होने की स्थिति में ही अन्य ग्राम पंचायत की आवेदन कर्ता को नौकरी दी जाने थी। पर यहां स्थानीय निवासी के होने के बावजूद भी अन्य ग्राम पंचायत की महिला को नौकरी दे दी गई। जबकि जिस ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति निकली थी। याचिकाकर्ता कि उस ग्राम पंचायत में सर्वाधिक अंक थे और वह वहां की मूल निवासी भी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश पांडेय के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए संभागायुक्त के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी प्रदान करने का निर्देश दिया है।

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