Chhattisgarh Election Updates : ढेबर की कुर्सी खतरे में... कांग्रेस की हार से छाए नगर सरकार पर संकट के बादल
BJP in Chhattisgarh Election : माहौल में महापौर एजाज ढेबर की कुर्सी छीनने का समीकरण बनते हुए दिख रहा है। क्योंकि ढेबर निर्दलियों के भरोसे ही महापौर बने थे। परंतु उनके पाला बदलने जैसे समीकरण से एक झटके में नगर सरकार भाजपा की बनने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Chhattisgarh Election Analysis : सरकार बदलने के साथ ही अब महापौर बदलने के कयास भी राजनीतिक गलियारे में लगना शुरू हो गया। माना जा रहा है सीधे महापौर का चुनाव न कराकर जो दांव कांग्रेस ने खेला था, वह अब उसे ही उल्टा पड़ सकता है। क्योंकि बदले माहौल में महापौर एजाज ढेबर की कुर्सी छीनने का समीकरण बनते हुए दिख रहा है। क्योंकि ढेबर निर्दलियों के भरोसे ही महापौर बने थे। परंतु उनके पाला बदलने जैसे समीकरण से एक झटके में नगर सरकार भाजपा की बनने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
चुनाव के नतीजे आने के बाद से नगर निगम में राजनीतिक समीकरण बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य कैबिनेट के गठन के बाद भाजपा सरकार की नजर नगर सरकार पर होगी। क्योंकि भाजपा शासनकाल में मेयर का चुनाव सीधे आम जनता से कराने का विधान शुरू किया गया था, जिसे कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में आने पर बदल दिया और नगर निगम के चुनाव के समय महापौर का चुनाव पार्षदों के माध्यम से कराया गया। हालांकि कांग्रेस को नगर निगम चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
ऐसी स्थिति में 7 निर्दलीय पार्षदों को अपने पक्ष में करने में एजाज ढेबर सफल रहे और पिछले चार साल से महापौर हैं। चुनाव 2024 में होना है। लेकिन बदले राजनीतिक समीकरण अब कुछ और ही संकेत कर रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस सरकार के दौर में ही दो निर्दलीय पार्षद भाजपा खेमे में जा चुके हैं। अब सिर्फ 5 पार्षदों के पाला बदलने के कयास लगाए जाने लगे हैं।
कुकरेजा का निष्कासन भी बड़ा फैक्टर
पार्टी से बगावत कर विधायक का चुनाव लड़ने वाले पार्षद अजीत कुकरेजा को कांग्रेस निष्कासित कर चुकी है। एक और कांग्रेस पार्षद चंद्र बेहरा पर भी विधानसभा चुनाव के समय अनुशासन का डंडा चलाया जा रहा है। इन दो पार्षदों के अलावा और कांग्रेस के कई पार्षद असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। ऐसे में यदि महापौर को बहुमत साबित करने की स्थितियां निर्मित हुई तो कांग्रेस को नुकसान होना तय है। क्योंकि भाजपा के 29 और दो निर्दलीय मिलाकर वर्तमान में 31 पार्षद हैं और कांग्रेस के 34 पार्षद। 5 निर्दलीय पार्षद ऐसे हैं, जो अभी पूरी तरह से कांग्रेस के समर्थन में हैं। लेकिन पाला बदलने के साथ ही भाजपा के पक्ष में 36 से ज्यादा पार्षद आ सकते हैं।
Social Plugin