पंचायत विभाग के अधिकारी - कर्मचारियों की बडी लाफरवाही सामने आई है । गरीबों के लिए बनाई गई प्रधानमंत्री आवास योजना में मनमानी कर रहें है। पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ से वंचित कर पंचायत सचिव सरकारी कर्मचारी के नाम से आवास स्वीकृति करने का मामला प्रकाश में आया है ।
पिथौरा : विकास खण्ड अंतर्गत एक पंचायत सचिव ने विभाग के अधिकारीयों के साथ सांठ-गांठ कर अपने ही नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत कर योजना का लाभ ले रहा है ।
इतना ही नहीं वर्ष 2016-17 में पहले अपने पिता के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत कराया उसके बाद वर्ष 2017-18 में अपने भाई के नाम से कराया । पंचायत सचिव ने स्वयं को आवासहिन बताकर वर्ष 2020-21 में पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ सांठ-गाठ कर अपने नाम से उक्त योजना से आवास स्वीकृत कराया है ।
सचिव के साथ तालमेल नही जमने पर अधिकारी कर है मामले का खुलासा
पंचायत विभाग के अधिकारीयों के साथ बिना सांठ-गांठ के इस तरह एक सरकारी कर्मचारी के नाम से उक्त योजना का लाभ लेना संभव नहीं है । राशि निकालते तक विभाग के अधिकारी उक्त सचिव के साथ तालमेल जमाए रखे अब वहीं अधिकारीयों से तालमेल नहीं जम रहा है जिसके कारण अधिकारी मामले का खुलासा करने में लगे हुए हैं ।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए पीएम आवास योजना ऑनलाइन सिस्टम फिर भी हावी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मह्त्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार न हो इस लिए सभी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है । इसकी बावजूद अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं । सरकार की ओर से ऑनलाइन खाते में पैसे ट्रांसफर किए जारहे हैं ।
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