दुर्ग : खराब क्वालिटी की दवा सरकारी अस्पतालों में बांटी जा रही हैं। पेट दर्द और मल्टीविटामिन के टेबलेट को जैसे ही रैपर से निकाला जा रहा है निकालते ही अंदर में नमी और फंगस मिल रहा है बेहद खराब है जो उपयोग के लायक नहीं है। एक दवाओं में एक्सपायरी डेट अक्टूबर 2024 और दूसरी दवा में जनवरी 2025 है। दोनों दवाएं अन्य दवाओं के साथ CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन) ने गुणवत्ता जांचने के बाद अस्पतालों में सप्लाई की है।
गुणवत्ता के राज्य प्रभारी लक्ष्मण खेलवार के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद वह दोनों दवाओं के गुणवत्ता की पुन: जांच करा रहे हैं, जिस बैच के बारे में उन्हें शिकायत मिली है, शिकायत मिलते ही उक्त दवा के उपयोग पर रोक लगाकर उसे वापस भी मंगा रहे हैं। बता दें कि दुर्ग जिला के सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों ने इसकी शिकायत की। इसके बाद यह मामला सामने आया है।
डाइसाइक्लोमिन (Dicyclomine) : डॉक्टर इस दवा को पेट दर्द की स्थिति में मरीज को देते हैं। सरकारी अस्पतालों में यह सैलुमिन-10 ब्रांड नेम से मरीजों की दी जा रही है। सेलर नाम की कंपनी ने इस दवा को CGMSC को बैच नंबर- एसपी 230377 से आपूर्ति की है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इसकी सप्लाई की गई है। इसकी गुणवत्ता इतनी खराब बताई जा रही है कि रैपर से निकालते ही धूल की तरह उड रही है ।
मल्टीविटामिन (Multivitamins) : एंटीबायोटिक के साथ ही अन्य दवाओं के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए डॉक्टर मरीजों को मल्टीविटामिन जरूर देते हैं। इसलिए सरकारी अस्पतालों में मल्टीविटामिन की रेगुलर आपूर्ति की जाती है। हाल ही CGMSC ने बैच नंबर- सी 230509 से मल्टीविटामिन सरकारी अस्पतालों में भेजा है। रैपर से निकलते ही कैप्सूल में नमी और फंगस नजर आया है।
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