केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर गरमाई सियासत
केंद्रीय मंत्री आकांक्षी जिलों के कार्यों की तैयार करेंगे रिपोर्ट
(News Credit by Patrika)
Chhattisgarh : में कुछ दिनों तक केंद्रीय मंत्रियों का मैराथन दौरा होगा। वे छत्तीसगढ़ पहुंचकर आकांक्षी जिलों में जाएंगे और वहां की रिपोर्ट तैयार करेंगे। केंद्रीय मंत्रियों के आने का सिलसिला गुरुवार से शुरू हो गया है, जो करीब एक पखवाड़े तक जारी रहेगा। केंद्रीय मंत्रियों के इस दौरे से प्रदेश की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (bhupesh baghel) ने केंद्रीय मंत्रियों के दौरों को लेकर तंज कसते हुए कहा, केंद्रीय मंत्री अचानक आ रहे हैं, तो कोई योजना बनाकर आए होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनीतिक करने और अपनी जमीन तलाश करने आ रहे हैं।
बताया जाता है कि आकांक्षी जिलों को लेकर केंद्र सरकार को कई तरह से फीडबैक मिल रहे थे। इसके बाद उन्हें देशभर के आकांक्षी जिलों के दौरे पर भेजा जा रहा है। इसी के तहत केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी गुरुवार को महासमुंद के दौरे पर रहे। इसके बाद विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 अप्रैल को राजनांदगांव आ रहे हैं। उनके अलावा संसदीय कार्य एवं वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बस्तर, नित्यानंद राय बीजापुर, देवसिंह चौहान दंतेवाड़ा, भानुप्रताप सिंह कांकेर, अश्वनी चौबे कोरबा, महेन्द्र नाथ पाण्डेय नारायणपुर और रेणुका सिंह सुकमा का दौरा करेंगी। ये मंत्री केन्द्रीय योजनाओं की मैदानी हकीकत और केन्द्र से मिली राशि के उपयोग पर कलेक्टरों से फीडबैक लेंगे। साथ ही स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से चर्चा भी करेंगे।
जो राशि देते थे, उसे भी बंद किया: सीएम
केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, केंद्रीय आकांक्षी जिलों का भ्रमण करने निकले हैं। भारत सरकार ने कोई गाइडलाइन बनाई है, वो पैरामीटर को देखने आए हैं। बहुत सारे पैरामीटर में हम देश के दूसरे आकांक्षी जिलों से आगे हैं, लेकिन इन जिलों को भारत सरकार कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देती है। उन्होंने कहा, बस्तर के नक्सल प्रभावित सात जिले आकांक्षी जिलों में भी शामिल है, वहां 2021 तक हर साल 50 करोड़ मिलता है। उसे भी बंद कर दिया गया है। आप दे रहे थे और उसमें कटौती करके देखने आए हैं। मुझे लगता है यह राजनीति करने और अपनी जमीन तलाशने आए हैं।
राशि नहीं दे रही भारत सरकार
एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह जितने साल मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं, उस दौरान केंद्र का अंश अधिक और राज्य का काम होता था। पहली बार है, जब राज्य और केंद्र का अंश बराबरा है। इस बजट के आंकड़े देख लें। उन्होंने कहा, रमन सिंह के समय से यहां सीआरपीएफ के जवान पदस्थ है। केंद्र ने इसके खर्च की 11 हजार करोड़ की राशि राज्य सरकार से काट ली है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री से इस संबंध में भी चर्चा हुई थी। कोयल रायल्टी का पैसा नहीं मिला है। 28 हजार करोड़ रुपए भारत सरकार से लेना है।
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