Ad Code

Responsive Advertisement

Chhattisgarh officer suspended : भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री का जीरो टॉलरेंस, पाठ्य पुस्तक निगम के अफसर को किया निलंबित



मुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा पुस्तकों को लापरवाहीपूर्वक रद्दी बनाने की घटना का तत्काल लिया संज्ञान

जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को किया गया निलंबित

प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही बिलकुल नहीं होगी बर्दाश्त

मुख्यमंत्री साय का प्रशासनिक शिथिलता और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

सुशासन के ध्येय के लिए भ्रष्टाचार के सभी अवसरों को ख़त्म करना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता

लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध होगी कड़ी कार्यवाही

कलेक्टर कान्फ्रेंस में अधिकारियों को दिए थे निर्देश भ्रष्टाचार बिल्कुल नहीं होगा बर्दाश्त

मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई कर दिए जीरो टॉलरेंस के स्पष्ट संकेत

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कड़ाई जमीनी स्तर पर भी उतनी ही सख्त नजर आ रही है। इसकी बानगी एक बार फिर सरकार की त्वरित कार्रवाई से दिखती है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। जांच के उपरांत छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सीएम के रौद्र रूप कई प्रशासनिक निर्णयों में दृष्टिगोचर हुए हैं। सीएम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में बिलकुल भी लापरवाही नहीं चाहते। मुख्यमंत्री श्री साय ने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी तथा लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।

Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer

Ad Code

Responsive Advertisement