पिथौरा : फूड सिक्योरिटी एक्ट में यूं तो फर्जी राशन कार्ड बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों को इसकी कोई परवाह नहीं । दरअसल, न तो एक्ट के प्रावधानों का कहीं पालन किया जा रहा है और न ही मॉनिटरिंग हो रही है। महासमुंद जिले में राशनकार्ड की गड़बडिय़ों के पीछे बड़ी वजह विभागीय मिलीभगत और मनमानी है।
ऐसे ही एक मामला है एक महिला के द्वारा सरकार से मुफ्त राशन लेने के लिए अपने जीवित पति को मृत बताकर विधवा बनकर शासन के आंख में धुल झोक कर अंंत्योदय राशनकार्ड का लाभ लिया जा रहा रहा है ।
मिली जानकारी अनुसार पिथौरा ब्लॉक के एक पंचायत में एक महिला के द्वारा सरकार से मुफ्त राशन लेने के लिए अपने जीवित पति को मृत बताकर विधवा बनकर शासन के आंख में धुल झोक कर अंंत्योदय राशनकार्ड का लाभ लिया जा रहा रहा है । उक्त राशनकार्ड से नियमित राशन का उठाव भी हो रहा है । झोल्टूराम डॉट कॉम को उक्त महिला के पति ने बताया कि उनके शादी हुए अभी साल भर हो रहा है और वो बाहर में प्राइवेट नौकरी करता है अभी छुट्टी में घर आया हुआ है तथा उक्त राशनकार्ड के बारे में उसे कुछ नहीं पता उसके पिता ने किसी के माध्यम से राशन कार्ड को बनवाया है ।
आपको बता दें अंत्योदय राशनकार्ड एकाकी महिला या विधवा महिला के नाम से जारी किया जाता है । अंत्योदय राशन कार्ड के हितग्राही को प्रत्येक माह 35 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिये जाने का प्रावधान है ।
इसी तरह के राशनकार्ड में गड़बडी को लेकर महासमुंद जिला हमेशा सुर्खियों में रहता है जिले में इसी तरह अपात्र राशनकार्ड की संख्या अनगिनत है। संबंधित विभाग के अधिकारियों के मिलिभगत के बिना ये काम संभव नहीं है। अखबार, इलेक्ट्रानिक्स मिडिया एवं सोसल मिडिया या अन्य किसी न किसी माध्यम से आये दिन इस तरह के खुलासे होते रहते हैं लेकिन अधिकारियों के द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की बजाय खाना पूर्ति कर छोड दिया जाता है ।
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