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Chhattisgarh : सट्टा- जुआ अब गैरजमानती अपराध, एक से 7 साल तक सजा का प्रावधान, राज्यपाल की अनुमति मिलते ही होगा कानून लागू



सख्त कानून बनने से अवैध कारोबार पर कसेगा नकेल 

ऑनलाइन जुआ के लिए खाता उपलब्ध कराना भी होगा दंडनीय अपराध 

ऑनलाइन जुआ से संबंधित विज्ञापन होंगे प्रतिबंधित, उल्लंघन पर तीन साल के कारावास की होगी सजा 

वर्तमान अधिनियम मे कंपनी द्वारा किए गए अपराध को बनाया गया दंडनीय 

रायपुर :  ऑनलाइन जुआ-सट्टा खेलने और खिलाने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसा करने वालों को अब एक साल से सात साल तक की जेल हो सकती है। वहीं 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। राज्य सरकार ने इसके लिए छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक पारित कराया है। राज्यपाल की अनुमति मिलते ही यह कानून लागू कर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले साल ऑनलाइन सट्टा कारोबार के कई रैकेट का खुलासा किया था। कई गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन आरोपियों को थाने से जमानत मिल जा रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समीक्षा के दौरान इस पर नाराजगी जताई थी। उसके बाद पुलिस की ओर से बताया गया, पुराने जुआ अधिनियम में ऑनलाइन सट्टे को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। यह अपराध संज्ञेय और जमानती श्रेणी का है। ऐसे में आरोपी आसानी से जमानत पा जाते हैं। उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऑनलाइन जुआ की रोकथाम के लिए प्रभावी कानून बनाने के निर्देश दिए। बाद में गृह विभाग ने नये कानून का ड्राफ्ट पेश किया।

चार जनवरी को विधानसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया। पुराने कानून में ऑनलाइन जुआ परिभाषित नही था। नये विधेयक में जुआ घर की परिभाषा मे ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म शब्द जोड़ा गया है। जुआ के उपकरण की परिभाषा मे ऑनलाइन जुआ से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रोनिक ट्रांसफर ऑफ फन्डस शब्द जोड़े गये हैं। 

पुराने कानून में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। वर्तमान मे ऑनलाइन जुआ के लिए अलग से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमे एक से तीन वर्ष के कारावास एवं पचास हजार से पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है किया गया है। 

दूसरी बार ऐसे अपराध में पकड़े जाने पर दो वर्ष से सात वर्ष तक जेल और एक लाख से दस लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक-2022 में जुआरियों के लिए छ: महीने तक की सजा एवं तीन हजार से दस हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पुराने कानून में इसके लिए चार महीने की जेल और 100 रुपए जुर्माने का प्रावधान था। जो व्यक्ति जुआ घर में पाया जाएगा उसके लिए पुराने कानून में 500 रुपए तक के जुर्माने अथवा चार महीने की जेल का प्रावधान था।
अब ऐसे लोगों को छह महीने की जेल और 10 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। 

छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए खाता उपलब्ध कराने पर भी सजा का प्रावधान हो गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने अगर गलत नाम-पता बताया तो अभी तक चार महीने की जेल का प्रावधान था। नये कानून में इसके लिए छ: महीने तक की अवधि के कारावास या पांच हजार रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नये कानून से ऑनलाइन जुआ से संबंधित विज्ञापन प्रतिबंधित हो जाएंगे।

इनका उल्लंघन होने पर तीन साल की जेल हो सकती है। पुराने कानून में जुआ के विज्ञापन प्रतिबंधित करने के संबंध मे कोई प्रावधान नही था। वर्तमान अधिनियम मे प्रतिबंध का उल्लंघन किए जाने पर तीन वर्ष तक की जेल और पचास हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नये कानून में कंपनी द्वारा किए गए अपराध को भी दंडनीय बनाया गया है।
(News Credit by janta se rishta)


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